गुरुवार, 16 सितंबर 2010

जन्मदिन मुबारक

title="पर पसंद करें">height="30">दिवस की उस अरुणिम बेला में थे तुम आये,
सुवासित करने जीवन के मृदु पलों को तुम आये,

पुलकित हृदय अश्रुपूर्ण नयन आलिंगन जननी का
शुंभाशीष शुभाशीष आह्लादित आँगन।

तुम ही हो जीवन के केंद्रबिंदु पर
सुभगे तुम ही जीवन के हर निर्णय पर.
.
दिन महीने साल बीत कर लाया तुम्हे वयः संधि पर ,
आशंकित मन व्यथित हो जाता तुमसे बिछुड़कर।

मेरी यही कामना सुभगे तुम सफल हो जीवन पथ पर,
bar -बार यह जन्मदिन आते रहे अनंत बार।

(मेरी पुत्री को जिसका आज जन्म दिन है)

गुरुवार, 2 सितंबर 2010


स्वप्नदंश या मरीचिका ,निर्झर बताओ यह जीवन क्या है ,

तेरी अविकल धार या अकाल मृत्यु का आँगन ,निर्झर बताओ यह जीवन क्या है।"

सीता का वनवास,या राधे की आस,

द्रौपदी की दुविधा या देवयानी का ताप,

निर्झर बताओ यह जीवन क्या है

उस अबोध का मृत्यु ह्रास, जिसने देखे कुल चार बसंत

या उस ममता का अनंत आर्त नाद ,जिसने दिया जीवन अनंत,