tag:blogger.com,1999:blog-7313063979720636863.post2193708433267853777..comments2023-08-12T08:08:10.323-07:00Comments on Bas Yun hi: गर्मीsumanjihttp://www.blogger.com/profile/06116649907617044366noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7313063979720636863.post-10287223644081553442010-06-16T20:11:20.014-07:002010-06-16T20:11:20.014-07:00आपकी बात सही है । हम यही कर सकते हैं कि इनके पैसे ...आपकी बात सही है । हम यही कर सकते हैं कि इनके पैसे ना काटें । छुट्टी की जरूरत हो तो बिना ना नुकुर किये दें । ठंडा पानी शरबत पूछें ।आशा जोगळेकरhttps://www.blogger.com/profile/14609401024069814020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7313063979720636863.post-31035050185990278522010-06-16T19:52:08.935-07:002010-06-16T19:52:08.935-07:00सच कहा आपने इनके त्रासद जीवन का कहीं अन्त नहीं है....सच कहा आपने इनके त्रासद जीवन का कहीं अन्त नहीं है..वर्तमान वैश्वीकरण व स्व के दायरे में कैद होते मानव के लिए पर की पीङा बेमानी हो गई है हमारे आसपास यदि हम आँखे खोलकर देखे तो जाने कितनी सिसकती जिन्दगियां मिलेगी....अच्छी रचना हेतु शुभकामनाएं।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/03959513530880200076noreply@blogger.com