गुरुवार, 1 मार्च 2012

अहाँ के नाम


बहुत दिन भ गिल
मोन    लागल  अछि
ने    कोनो   चिट्ठी   ने   पत्री
ने फोने ने समाद
कोनो   समाचार नहि
गोसाविन  घर में बैस के
बाट  तकैत    छी
हम त एस्कर भ गेलहुं
फगुआ में  सबहक अबैया   छै
अहाँ टा के कोनो खबर नहि
रंग अबीर स डर होइत  अछि
मोन सशंकित भेल अछि
लोकक दृष्टि से बदलि  गेली
हम त एस्कर भ गेलहुं


गेरुआ खोल  पर जे गुलाबक फूल छल
तकर रंग उडि गेल
अहाँक नाम बला जे रुमाल छल
से फाईट गेल
जट्टा - जट्टिन से बदरंग भ गेल
कनिया पुतरा सब बेकार भ गेल
ख़ुशी त मानु अतीत   भ गेल
हम त एस्कर भ गेलहुं

आँगन में जे जोड़ा गुलाब छल से मुरझा गेल
भनसा ओसारा पर जे सुग्गा छल से कतहु   चल   गेल
पछुआर बाला बच्चा सभ आब नहि अबैत छथि
एकाकी में जीवन के अभिशाप भोगित छि
हम त एस्कर भ गेलहुं

बलान के कछार पर जे नाम लिखने रही
 से मिटा  गेल
होइत छल जे ओ ताजमहल जकां रहत
मुदा ओ त पाइन से मिटा गेल
हम त एस्कर भ गेलहुं


गामक    जरदालू  गाछ
पर लिखल नाम मुदा औखन अछि
ओकरा   पाइन बिहारि नहि मिटा सकलहि
एही अवलंब अछि
अहाँ आएब आर जरूर आएब

इति