इस बार छुट्टि
यों में गाँव जरूर जाना
माँ से मिलना बाबा से आशीष लेना
सुना है बेटी अब कॉलेज जाने लगी
बेटा भी सुना अब जिम्मेवार हो गया है
अब तो इस बार जा ही ही सकते हो
जरूर जाना , इस बार गाँव,जरूर आना
, सुना है ,माँ के आँखों की रौशनी कम गयी है
बाबा भी अब चल फिर नहीं पाते
माँ से मिलना, उनकी सुनना, अपनी सुनाना
बाबा से भी मिलना ,भरोसा दिलाना
सुना है ,तिरे शहर में रातों को उजाला रहता है
गाँव जाना,रातों में ,जुगनुओं को जरूर बताना
सुना है क़त्ले आम अब तिरे शहर में आम हो गया
गाँव जाना ,भूल कर भी मगर यह जिक्र न करना
सुना है तिरे शहर में रिश्ते भी लहूलुहान हो गए
बड़ों से मिलना और अपने होने का एहसास दिलाना
सुना है ओस की बूंदे चुनते चुनते देर हो गयी
गाँव जाना ,नदी के किनारों से मुआफी माँगना
गाँव जाना शाम को आसमां से बातें करना
शहर की रफ़्तार को कोसना और उससे सकून उधार लेना
हाँ ,महंगी न सही ,कुछ टॉफियाँ जरूर ले लेना
बच्चों को बुलाना ,उन्हें देना ,उनकी खुशियाँ पढ़ना
एस . के .झा
यों में गाँव जरूर जाना
माँ से मिलना बाबा से आशीष लेना
सुना है बेटी अब कॉलेज जाने लगी
बेटा भी सुना अब जिम्मेवार हो गया है
अब तो इस बार जा ही ही सकते हो
जरूर जाना , इस बार गाँव,जरूर आना
, सुना है ,माँ के आँखों की रौशनी कम गयी है
बाबा भी अब चल फिर नहीं पाते
माँ से मिलना, उनकी सुनना, अपनी सुनाना
बाबा से भी मिलना ,भरोसा दिलाना
सुना है ,तिरे शहर में रातों को उजाला रहता है
गाँव जाना,रातों में ,जुगनुओं को जरूर बताना
सुना है क़त्ले आम अब तिरे शहर में आम हो गया
गाँव जाना ,भूल कर भी मगर यह जिक्र न करना
सुना है तिरे शहर में रिश्ते भी लहूलुहान हो गए
बड़ों से मिलना और अपने होने का एहसास दिलाना
सुना है ओस की बूंदे चुनते चुनते देर हो गयी
गाँव जाना ,नदी के किनारों से मुआफी माँगना
गाँव जाना शाम को आसमां से बातें करना
शहर की रफ़्तार को कोसना और उससे सकून उधार लेना
हाँ ,महंगी न सही ,कुछ टॉफियाँ जरूर ले लेना
बच्चों को बुलाना ,उन्हें देना ,उनकी खुशियाँ पढ़ना
एस . के .झा
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