स्वप्नदंश या मरीचिका ,निर्झर बताओ यह जीवन क्या है ,
तेरी अविकल धार या अकाल मृत्यु का आँगन ,निर्झर बताओ यह जीवन क्या है।"
सीता का वनवास,या राधे की आस,
द्रौपदी की दुविधा या देवयानी का ताप,
निर्झर बताओ यह जीवन क्या है
उस अबोध का मृत्यु ह्रास, जिसने देखे कुल चार बसंत
या उस ममता का अनंत आर्त नाद ,जिसने दिया जीवन अनंत,
अच्छी पोस्ट।
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