title="पर पसंद करें">height="30">दिवस की उस अरुणिम बेला में थे तुम आये,
सुवासित करने जीवन के मृदु पलों को तुम आये,
पुलकित हृदय अश्रुपूर्ण नयन आलिंगन जननी का
शुंभाशीष शुभाशीष आह्लादित आँगन।
तुम ही हो जीवन के केंद्रबिंदु पर
सुभगे तुम ही जीवन के हर निर्णय पर.
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दिन महीने साल बीत कर लाया तुम्हे वयः संधि पर ,
आशंकित मन व्यथित हो जाता तुमसे बिछुड़कर।
मेरी यही कामना सुभगे तुम सफल हो जीवन पथ पर,
bar -बार यह जन्मदिन आते रहे अनंत बार।
(मेरी पुत्री को जिसका आज जन्म दिन है)
janm din ki shubhkamnayen aapki beti ko
जवाब देंहटाएंआपकी पुत्री को जन्मदिन की शुभकामनाएँ....!!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
काव्य के हेतु (कारण अथवा साधन), परशुराम राय, द्वारा “मनोज” पर, पढिए!