Bas Yun hi
Atit mein jeeta aadmi
रविवार, 6 जून 2010
ज़रा इस तरफ भी
"सिरफिरे लोग
हमें दुश्मनेजान कहते हैं,हम जो इसकी मुल्क की मिटटी को भी माँ कहते हैं
तुझको ये खाके वतन मेरे तयम्मुम की कसम, तू बता दे ये सजदो के निशाँ कैसे हैं
आपने खुल के मोहब्बत नहीं की हैं मुझसे , आप भाई नहीं कहते हैं मियाँ कहते हैं ।"
1 टिप्पणी:
मनोज कुमार
6 जून 2010 को 10:40 am बजे
बहुत खूब।
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बहुत खूब।
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