आज सुबह अपनी ऑफिस को जाते समय पत्नी को स्कूल छोड़ा और वापस ऑफिस के तरफ निकला.रास्ते में रिहायशी इलाकों से जब निकल रहा था तो जगह जगह पानी के टंकर खड़े थे.क्या पानी की इतनी किल्लत हो गयी है.किसी ने कह था की तीसरी विश्व युद्ध पानी को लेकर होगा हम कहाँ जा रहें हैं.औदोगीकरण के अंध गलियारे में कहीं हम भटक तो नहीं रहें हैं.औद्योगीकरण से natural रेसौर्स का दोहन कर हम कहीं अपना भविष्य तो नहीं बेच रहे हैं.अगर इतना कम औद्योगिक जगह में पानी का यह हाल है तो पानी का बड़े शहरों में क्या होगा.
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