गुरुवार, 30 दिसंबर 2010

नव वर्ष की शुभकामना

प्राची की नव किरण,नव पुकार जगत का

नव -नव क्षितिज पर नव श्रृंगार समय का,


नव है जीवन की परिभाषा नव लहू यौवन का


रश्मिरथी बन कर आई है नव वर्ष जगत का ।


श्रृष्टि के हर अंश में हो , नव संचार सृजन का,


धरा के कण-कण में हो उन्माद हर कम्पन का


मानव के जीवन में हो हर पल अब सुख का

जीवन के उत्सव में हर क्षण अब आनंद का



















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